स्टीव जॉब्स
तीन सेब (एप्पल) ने दुनिया बदल दी। एक ने हव्वा को लुभाया, दूसरे ने न्यूटन को जगाया और तीसरा सेब स्टीव जॉब्स के हाथ में था..। पर्सनल कंप्यूटिंग उपकरण विनिर्माता मसहूर अमेरिकी कंपनी एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स के निधन पर यह श्रद्धांजलि सामाजिक सम्पर्क संबंध वाली वेबसाइटों पर उभर रही अनगिनत श्रद्धांजलियों की एक रुप प्रकट करती है।
ट्विटर और फेसबुक जैसे नेटवर्किंग साईट और इंटरनेट, सभी जगहों पर स्टीव जॉब्स जो एक दूरदर्शी उद्यमी और अमेरिका की वैश्विक की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल की ताकत बताया जा रहा है। मैकेंटोस कंप्यूटर, आई पाड, म्यूजिक प्लेयर्स, आई फोन मोबाईल फोन और आई पैड टैबलेट पर्सनल कंप्यूटर जैसे विश्व में धूम मचाने वाले उत्पाद पेश करने वाले स्टीव विलक्षण व्यक्तिव के थे।
आधुनिक प्रौद्योगिकी जगत के सुपर स्टारों में गिने जाने वाले स्टीव जॉब्स अपनी युवा अवस्था में निर्वाण की तलाश में भारत की यात्रा पर आए थे। संतोष न मिलने पर वह वापस अमेरिका चले गए।
उन्होंने उस वक्त भारत को अपनी कल्पना से अधिक गरीब पाया और विडंबना देखिए कि बाद में 2000 के दशक के मध्य में जब वे भारत में कंप्यूटर के लिए संयंत्र स्थापित करने के बारे में सोच रहे थे तो उन्हें लगा कि इस देश में कारोबार करना सस्ता नहीं रह गया है।
लेकिन 70 के दशक की शुरुआत में भारत दौरे से असंतुष्ट वापस लौटने के कारण ही वे प्रौद्योगिकी जगत पर जॉब्स अपना ध्यान केंद्रित कर सके और आखिरकार एप्पल कंपनी की स्थापना की।
उनकी जीवनी ‘द लिटल किंगडम-द प्राईवेट स्टोरी आफ एप्पल कंप्यूटर’ में जॉब्स को यह कहते हुए उद्द्धरित किया गया है, ‘यह पहला मौका था कि जबकि मुझे लगने लगा था कि विश्व को बेहतर बनाने के लिए कार्ल मार्क्स और नीम करौली बाबा ने मिलकर जितना किया है शायद थामस एडिसन ने अकेले उससे ज्यादा किया है।’
तीन सेब (एप्पल) ने दुनिया बदल दी। एक ने हव्वा को लुभाया, दूसरे ने न्यूटन को जगाया और तीसरा सेब स्टीव जॉब्स के हाथ में था..। पर्सनल कंप्यूटिंग उपकरण विनिर्माता मसहूर अमेरिकी कंपनी एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स के निधन पर यह श्रद्धांजलि सामाजिक सम्पर्क संबंध वाली वेबसाइटों पर उभर रही अनगिनत श्रद्धांजलियों की एक रुप प्रकट करती है।
ट्विटर और फेसबुक जैसे नेटवर्किंग साईट और इंटरनेट, सभी जगहों पर स्टीव जॉब्स जो एक दूरदर्शी उद्यमी और अमेरिका की वैश्विक की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल की ताकत बताया जा रहा है। मैकेंटोस कंप्यूटर, आई पाड, म्यूजिक प्लेयर्स, आई फोन मोबाईल फोन और आई पैड टैबलेट पर्सनल कंप्यूटर जैसे विश्व में धूम मचाने वाले उत्पाद पेश करने वाले स्टीव विलक्षण व्यक्तिव के थे।
आधुनिक प्रौद्योगिकी जगत के सुपर स्टारों में गिने जाने वाले स्टीव जॉब्स अपनी युवा अवस्था में निर्वाण की तलाश में भारत की यात्रा पर आए थे। संतोष न मिलने पर वह वापस अमेरिका चले गए।
उन्होंने उस वक्त भारत को अपनी कल्पना से अधिक गरीब पाया और विडंबना देखिए कि बाद में 2000 के दशक के मध्य में जब वे भारत में कंप्यूटर के लिए संयंत्र स्थापित करने के बारे में सोच रहे थे तो उन्हें लगा कि इस देश में कारोबार करना सस्ता नहीं रह गया है।
लेकिन 70 के दशक की शुरुआत में भारत दौरे से असंतुष्ट वापस लौटने के कारण ही वे प्रौद्योगिकी जगत पर जॉब्स अपना ध्यान केंद्रित कर सके और आखिरकार एप्पल कंपनी की स्थापना की।
उनकी जीवनी ‘द लिटल किंगडम-द प्राईवेट स्टोरी आफ एप्पल कंप्यूटर’ में जॉब्स को यह कहते हुए उद्द्धरित किया गया है, ‘यह पहला मौका था कि जबकि मुझे लगने लगा था कि विश्व को बेहतर बनाने के लिए कार्ल मार्क्स और नीम करौली बाबा ने मिलकर जितना किया है शायद थामस एडिसन ने अकेले उससे ज्यादा किया है।’